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Pregnancy Pre-Planning

पिता की तैयारी - ९ टिप्स

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4 Jan
,
2023
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पूर्व भूमिका

पापा बनने का सौभाग्यपाने के लिए सब कोई उत्साही होतें हैं, लेकिन गर्भाधान के अपूर्ण ज्ञान के कारण, कोई माता-पिता निम्न संतान को जन्म देते हैं, तो 500 वर्ष के पश्चात् उस परम्परा में 20 लाख निम्न कोटि की संतानें पैदा होती हैं। ऐसी प्रजा न तो स्वयं स्वस्थ और सुखी रहेगी, न आपको अथवा परिवार को स्वस्थ और सुखी रहने देगी। तो आईए, सब पति, सम्पूर्ण और सुरक्षित गर्भाधान के लिए यहाँ दी गई टिप्स फोलो करें।  

1. नियमित दिनचर्या

संतान की इच्छा से पूर्व के छः महीने की दिनचर्या निश्चित करें। ध्यान, प्रार्थना, सात्त्विक विचार, ईश्वरचिंतन तथा योग साधना का नियम बनाएं।

2. आहार में सुधार

शुद्ध आहार-विहार रखें, क्योंकि पोषण जितना बेहतर होगा, स्पर्म उतने ही स्वस्थ होंगे। आहार में ताजे फल,  दुरस्त अनाज, सब्जियाँ व प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार लें। साथ में विटामिन और मिनरल से भरपूर खुराक एवं फॉलिक एसिड भी शामिल करें। कई बार इसी तत्त्व की कमी सेगर्भधारण में समय लगता हैं तथा शिशु में जन्मजात विकृतियाँ भी पाई जाती हैं। इसकी विशेष जानकारी ड्रीम चाइल्ड मोबाईल एप के नॉलेज विभाग से प्राप्त करें।

3. व्यसन त्याग

यदि आप धूम्रपान करते हैं या ड्रग्स लेते हैं, तो आप आसानीसे पिता नहीं बन पाएंगे। नशा करने से स्पर्म की संख्या में कमी आती हैं और टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी घटता हैं। शराब पीने से आनेवाले बच्चे के वजन के बारे में भी प्रश्न हो सकता हैं। इससे होते एस. आई. डी. एस. (अचानक संकृमित रोगों के कारण मृत्यु) से शिशु का बचना बहोत कठिन हैं। यदि आप शराब और ड्रग्स नहीं छोड़ पा रहें, तो अवश्य डॉक्टर की मदद लें।

4. विचारों पर संयम

इस अवधि के दौरान आपके अंदर जो दुर्गुण हैं, उसे नियंत्रित करने का प्रयत्न करें। उदाहरण के लिए यदि आप क्रोधी स्वभाव के हैं, तो इस अवधि में क्रोध न करें। विशेष मार्गदर्शन ‘ड्रीमचाइल्ड मोबाईल एप’ के वर्कशॉप विभाग से प्राप्त करें। 

5. गर्भ संस्कार पुस्तक  एवं एक्टिविटी  

संतान प्राप्ति के पूर्व की तैयारी के लिए ‘ड्रीम चाइल्ड गर्भ संस्कार’ द्वारा उपलब्ध इस विषय का पुस्तक अवश्य पढ़ें। पति-पत्नी दोनों मिलकर निश्चित करें कि आपको कैसी संतान चाहिए? उसी के अनुकूल तन-मन से जीवन जीने का प्रयास शुरू करें। और गर्भ संस्कार ऐप की दैनिक एक्टिविटी करने में अपनी पत्नी का सहयोग करें।  

6. डॉक्टर से मिलें

एक स्वस्थ शिशु का जन्म, दो स्वस्थ शरीरों के मेल से ही तो संभव हैं। डॉक्टर सेसैक्सुअल इफैक्ट, हर्बल दवाओं व स्पर्म काउंट के बारे में जानकारी लें। हिमोग्लोबिन, विटमिन B12 और D3, ब्लड सुगर, एच. आई. वी., हिपेटाईटीज, थायराइड, कोलेस्टेरोल, थेलेसेमिया आदि की जाँच तथा बी.पी. और सोनोग्राफी आदि का टेस्ट अवश्य करा लें। शरीर में यदि कोई कमी हो, तो दवाई लेकर शरीर को स्वस्थ कर लें। यदि संभव हो, तो किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से वात, पित्त और कफ का संतुलन ठीक कराएँ।

7. टेस्टीकल (वृषण) : सुरक्षा और सावधानी

टेस्टीकल (वृषण) शरीर के तापमान से थोड़े ठंडे होते हैं, वह जरूरत से ज्यादा गर्म होंगे, तो स्पर्म के उत्पादन पर असर पड़ता हैं। इसीलिए आपको हॉट टब बाथ, सोना बाथ व टाइट जींस से बचना होगा। सिंथेटिक पैंट या अंडरवियर न पहनें। गोदी में लैपटाप न रखें। आप कोई रफ खेल (फुटबॉल, सॉकर, बास्केटबॉल, हॉकी, बेसबॉल, घुड़सवारी) खेलते हैं, तो रक्षक गार्ड लगा कर अपने जननांगोंकी सुरक्षा करें। ज्यादा साइकिल या टू-व्हीलर चलाने से भी परेशानी खड़ी हो सकती हैं।जब जननांगों में सूनापन या झनझनाहट बंद न हो, तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं।

8. आवश्यक विश्राम

व्यस्तता के बीच ७ से ८ घंटा आवश्यक विश्राम करना न भूलें। तनाव के कारण स्पर्म बनने में रुकावट भी आ सकती हैं। विश्राम तनाव को बेलेंस करता है, इसलिए विश्राम- जरूरी आराम होगा,  शरीर और स्पर्म उतने ही स्वस्थ रहेंगे।  

9. स्क्रीन टाइम विवेक  

विशेषज्ञों के अनुसार, हम जैसा देखेंगे वैसा प्रभाव आने वाले शिशु पर भी अवश्य पड़ता ही हैं। अत: टी. वी., सिनेमा तथा सीरियल में हिंसक और तामसिक दृश्य भूलकर भी न देखें। (यह करना मुश्कील होगा, परन्तु अपनी संतान के तथा अपने आनेवाले भविष्य के लिए क्या छः महीने तक आप संयम नहीं रखेंगे? )

Disclaimer: This blog is correct as per the writer’s knowledge. This is not a medical guidance. Follow as you are responsible for.

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